पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद वैध ने विधानसभा में रखा प्रस्ताव

ट्राम को पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट हटाने का विचार कर रही है पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद वैध ने गुरुवार को विधानसभा में प्रस्ताव रखा
- ट्राम की वजह से व्यस्त इलाकों में ट्रैफिक जाम की परेशानी सामने आती है
कलकत्ता की विरासत मानी जाने वाली ट्राम को पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट हटाने का विचार कर रही है. पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद वैध ने गुरुवार को विधानसभा को सूचित किया कि राज्य गवर्नमेंट कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाकों से ट्राम को चरणबद्ध ढंग से हटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. उन्होंने बताया कि बिजली से संचालित इस सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को केवल उन इलाकों में बरकरार रखा जाएगा, जहां की सड़कें चौड़ी हैं.
हमारे पास और कोई विकल्प नहीं – फिरहाद हकीम
राज्य विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए वैध ने बोला कि गवर्नमेंट खिद्दरपुर-एस्प्लेनेड जैसे मार्गों पर पर्यावरण के अनुकूल ट्राम चलाने के पक्ष में है, लेकिन रवींद्र सरानी जैसे व्यस्त इलाकों के संकरे हिस्सों में नहीं, क्योंकि इससे ट्रैफिक जाम की परेशानी सामने आती है. मंत्री ने बोला कि उन हिस्सों में जहां ट्राम लाइन सड़क के बीच से होकर गुजरती है, वहां हमारे पास इसे चरणबद्ध ढंग से समाप्त करने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है और संभवत: ट्राम को नई ट्रॉली बसों से बदला जाएगा, जो ऊपर से गुजराने वाले बिजली के तारों से बिजली लेंगी.
इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादन लागत कम पर लीथियम बैटरी खर्च बढ़ा देती है
फिरहाद वैध ने बोला कि परीक्षण के लिए एक ट्रॉली बस यूरोप से मंगाई जा रही है. वैध ने यह भी बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादन लागत ईंधन से चलने वाले वाहनों की लागत से आधी हो सकती है, लेकिन उन वाहनों में उपयोग की जाने वाली लीथियम बैटरी कुल खर्च बढ़ा देती है. उन्होंने बोला कि केंद्र गवर्नमेंट को उन राष्ट्रों के साथ समझौता करना चाहिए था, जो कम मूल्य पर लीथियम खनिज की आपूर्ति कर सकते हैं.
ट्राम का इतिहास
भारत का इकलौता शहर कोलकाता ही है जहां आज भी ट्राम बड़े ही शान से चल रही है. ट्राम की आरंभ 1873 के आसपास हुई. पहले इसे खींचने के लिए घोड़े लगे होते थे. लेकिन 1902 में हिंदुस्तान में इलेक्ट्रिक ट्राम की आरंभ हुई और सड़कों पर इलेक्ट्रिक ट्राम दौड़ने लगी. इस ट्राम परिसेवा को कलकत्ता ट्रामवेज़ कम्पनी द्वारा संचालित किया जाता है. ये पूरे एशिया में सबसे पुरानी इलेक्ट्रिक ट्राम परिसेवा है जो आज भी शहर के लोगों को परिवहन सेवा दे रही है तो वहीं पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है.