तख्तापलट के बाद म्यांमार पुलिस ने आंग सान सू की के खिलाफ दर्ज किया केस

देश में सैन्य तख्तापलट के बीच अब म्यांमार पुलिस ने भी देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस ने सू की के खिलाफ अवैध रूप से संचार उपकरण आयात करने को लेकर केस दर्ज किया है। पुलिस दस्तावेज़ के अनुसार उन्हें 15 फरवरी तक हिरासत में रखा जाएगा।
म्यांमार में सेना ने सोमवार को देश में सरकार का तख्तापलट कर दिया और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और देश की शीर्ष नेता सू की समेत उनकी पार्टी के कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में ले लिया। सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। अमेरिका, ब्रिटेन और भारत समेत विश्व के कई देशों ने इस घटना की निंदा की है।
पुलिस ने अदालत को बताया कि राजधानी नेपिता में 75 वर्षीय सू की के घर की तलाश के दौरान वहां से छह वॉकी-टॉकी रेडियो मिले हैं। आरोप पत्र मेंकहा गया है कि रेडियो को अवैध रूप से आयात किया गया था और बिना अनुमति के इसका उपयोग किया जा रहा था। इसके अलावा पुलिस ने राष्ट्रपति विन म्यिंट के खिलाफ भी पिछले नवंबर में एक चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना वायरस संबंधी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने को लेकर आरोप दायर किया है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि सू की पर लगाए जा रहे आरोप म्यांमार की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमज़ोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम आंग सान सू की, राष्ट्रपति विन म्यिंट और पिछले कुछ दिनों में सेना द्वारा हिरासत में लिए गए अन्य सभी लोगों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।
पिछले साल नवंबर में सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) ने भारी बहुमत से चुनाव जीता था, लेकिन सेना प्रमुख जनरल मिन आंग के नेतृत्व वाली सेना ने दावा किया था कि चुनाव में बड़ी धांधली हुई है। सेना ने नतीजों को मानने से भी इमकार कर दिया था। हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।
देश के लोकतंत्र आंदोलन का नेतृत्व करने को लेकर आंग सान सू की को 1989 से 2010 के बीच लगभग 15 साल हाउस अरेस्ट रहीं। 2017 में मुस्लिम रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर उनकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को थोड़ नुकसान जरूर पहुंचा।, लेकिन इन सब के बावजूद वह म्यांमार में बेहद लोकप्रिय हैं।