गर्मी और उमस से बढ़ रहा लोगों का बीपी तो इन बातों का रखें ख्याल

मेडिसिन विभाग के डाक्टर टीपी सिंह ने बताया कि विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन 480-500 रोगी आ रहे हैं. इनमें बरसात होने के बाद डिहाइड्रेशन, पीलिया, टायफायड, के रोगियों की संख्या में 15-20 प्रतिशत बढ़ गए. दूषित पानी और भोजन के कारण पीलिया और डायरिया की कठिनाई बढ़ी है. पूछने पर 40-50 ऐसे रोगियों ने पसीना बहुता आना, सिर में दर्द रहना, घबराहट होने की कठिनाई बताई. रक्तचाप जांचा तो ये 100/160 एमएमएचजी तक मिला. स्ट्रोक के खतरे को देखते हुए रेाजाना 15-20 रोगियों को इमरजेंसी में भर्ती भी करा रहे हैं.
70 प्रतिशत बच्चों को उल्टी-दस्त
एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के डाक्टर नीरज यादव ने बताया कि ओपीडी में प्रतिदिन 150 से अधिक बच्चे आ रहे हैं. इनमें लगभग 70 बच्चों को उल्टी-दस्त, तेज बुखार, पीलिया, डिहाइड्रेशन की कठिनाई मिल रही है. इसमें घनी जनसंख्या वाले क्षेत्र के बच्चे अधिक हैं. एक-दो दिन बरसात होने के बाद बच्चों के खाने-पीने में सफाई न बरतने से ये परेशानी अधिक बढ़ी. इमरजेंसी के बाल रोग विभाग फुल चल रहा है, यहां प्रतिदिन 20 से अधिक बच्चे भर्ती हो रहे हैं.
इन बातों का रखें ख्याल
- पानी को उबालकर ठंडा कर बच्चों को पिलाएं.
- खुले में बिकने वाले फास्ट फूड बच्चों को न खिलाएं.
- कटे-गले फल न खिलाएं, बच्चों को बासी भोजन न दें.
- घर से बाहर जाने से पहले पानी पीकर जाएं, धूप से बचें.
- रक्तचाप के रोगी नियमित रक्तचाप मांपें, अनियंत्रित होने पर चिकित्सक को दिखाएं.
- नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी, शिकंजी खूब पीएं.
- तला हुआ भोजन, फास्ट फूड से बचें.
- शादी कार्यक्रम में अतिरिक्त भोजन न करें.
विस्तार
ताजनगरी में गर्मी और उमस से लोगों की कठिनाई बढ़ गई है. एसएन मेडिकल कॉलेज में डायरिया, टायफायड, पीलिया के रोगी तेजी से बढ़े हैं. रोगियों का रक्तचाप (बीपी) बढ़ा मिला है. रोगी सिर दर्द की कठिनाई भी बता रहे हैं. इनमें से हालत खराब होने वाले 15-20 रोगियों को भर्ती किया जा रहा है.
मेडिसिन विभाग के डाक्टर टीपी सिंह ने बताया कि विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन 480-500 रोगी आ रहे हैं. इनमें बरसात होने के बाद डिहाइड्रेशन, पीलिया, टायफायड, के रोगियों की संख्या में 15-20 प्रतिशत बढ़ गए. दूषित पानी और भोजन के कारण पीलिया और डायरिया की कठिनाई बढ़ी है. पूछने पर 40-50 ऐसे रोगियों ने पसीना बहुता आना, सिर में दर्द रहना, घबराहट होने की कठिनाई बताई. रक्तचाप जांचा तो ये 100/160 एमएमएचजी तक मिला. स्ट्रोक के खतरे को देखते हुए रेाजाना 15-20 रोगियों को इमरजेंसी में भर्ती भी करा रहे हैं.
70 प्रतिशत बच्चों को उल्टी-दस्त
एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के डाक्टर नीरज यादव ने बताया कि ओपीडी में प्रतिदिन 150 से अधिक बच्चे आ रहे हैं. इनमें लगभग 70 बच्चों को उल्टी-दस्त, तेज बुखार, पीलिया, डिहाइड्रेशन की कठिनाई मिल रही है. इसमें घनी जनसंख्या वाले क्षेत्र के बच्चे अधिक हैं. एक-दो दिन बरसात होने के बाद बच्चों के खाने-पीने में सफाई न बरतने से ये परेशानी अधिक बढ़ी. इमरजेंसी के बाल रोग विभाग फुल चल रहा है, यहां प्रतिदिन 20 से अधिक बच्चे भर्ती हो रहे हैं.